नई दिल्ली में पहलवानों का प्रदर्शन जारी,यह पहलवानों का प्रदर्शन है, यहां किसी नेता की जरूरत नहीं-बजरंग पुनिया

नई दिल्ली ।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह 22 जनवरी को कुश्ती संघ की बैठक में इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं। यह बात देश की राजधानी नई दिल्ली में पहलवानों के लगातार दूसरे दिन भी जारी प्रदर्शन के बीच खेल मंत्रालय के न्योते पर प्रदर्शनकारी पहलवानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ शास्त्री भवन में हुई बातचीत के बाद सामने आई है । सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, खेल मंत्रालय कुश्ती संघ से खुश नहीं है। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बृजभूषण शरण सिंह से फोन पर बात की है।

इससे पहले दोपहर में हरियाणा भाजपा की नेता बबिता फोगाट भी जंतर मंतर पहुंचीं थीं। प्रदर्शन कर रहे पहलवान बजरंग पुनिया ने बताया कि बबीता फोगाट सरकार की तरफ से मध्यस्ता के लिए आई हैं। बबीता फोगाट ने कहा, “सरकार पहलवानों के साथ है। मेरी कोशिश है कि मैं आज ही समाधान करवा दूं। ये कोई छोटी चीज़ नहीं है, धुआं वहीं उठता है जहां आग लगी होती है। मैं भरोसा दिलाती हूं कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी।” हरियाणा भाजपा की नेता बबिता फोगाट ने ट्वीट कर कहा, “मैं अपने खिलाड़ियों की इस लड़ाई में उनके साथ हूं। मुझे सरकार पर पूरा भरोसा है कि वह विश्व में देश का मान-सम्मान बढ़ाने वाले देश के खिलाड़ियों के साथ न्याय करेगी। मैं आप सबको विश्वास दिलाती हूं कि सरकार से हर स्तर पर इस विषय को उठाने का काम करूंगी और खिलाड़ियों के भावनाओं के अनुरूप ही आगे का भविष्य तय होगा।”

गुरुवार दोपहर पहलवानों के प्रदर्शन में पहुंची लेफ्ट नेता वृंदा करात को पहलवानों ने मंच पर आने से रोक दिया। इतना ही नहीं पहलवानों ने वृंदा करात को बोलने के लिए माइक भी नहीं दिया। इस दौरान बजरंग पुनिया ने कहा कि यह पहलवानों का प्रदर्शन है, यहां किसी नेता की जरूरत नहीं है।

कोच प्रदीप दहिया ने कहा कि इतने बड़े खिलाड़ी अगर बोल रहे हैं तो कुछ तो सच्चाई होगी। इसकी जांच होनी चाहिए और दोषी को सज़ा भी मिलनी चाहिए। विनेश एक बड़ी महिला खिलाड़ी हैं और अगर वो आरोप लगा रही हैं तो इसका मतलब है उनके साथ कुछ तो हुआ होगा।

इन पहलवानों में ओलंपिक्स, कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का नाम रोशन करने वाले विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया जैसे पहलवान भी शामिल हैं। गुरुवार सुबह रेस्लर बजरंग पुनिया ने आरोप लगाया कि कुश्ती अध्यक्ष ब्रजभूषण सिंह विदेश भागने की फिराक में हैं। सरकार को उनपर नजर रखनी चाहिए। पहलवानों के आरोपों को लेकर पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अभी पहलवानों की तरफ से कोई शिकायत नहीं आई है।

महिला पहलवान वीनेश फोगाट ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप लगाए हैं। विनेश फोगाट ने कहा कि महिला पहलवानों को नेशनल कैंप्स में कोच और भारतीय कुश्ती महासंघ अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह द्वारा शोषण किया जाता है। नेशनल कैंप्स में नियुक्त किए गए कई कोच सालों से महिला पहलवानों का शोषण कर रहे हैं। भारतीय कुश्ती महासंघ अध्यक्ष भी इसमें मिले हुए हैं। उन्होंने कहा कि महिला पहलवान को कई तरह परेशानी होती है, कुश्ती अध्यक्ष द्वारा महिला खिलाड़ियों का शोषण किया गया। फेडरेशन खिलाड़ियों पर जबरदस्ती बैन लगाती है जिससे खिलाड़ी न खेल सके। किसी भी खिलाड़ी को कुछ होता है तो उसके ज़िम्मेदार कुश्ती संघ के अध्यक्ष होंगे। साक्षी मलिक ने कहा कि हम उन्हें बचाने आए हैं। हम उनके लिए लड़ रहे हैं। जब समय आए तब हम बोलेंगे। जो भी जांच करेगा, हम उन्हें आरोपियों के नाम देंगे। बजरंग पुनिया ने कहा कि हम चाहते हैं कि फेडरेशन का बदलाव हों। जो लोग भारतीय कुश्ती महासंघ का हिस्सा हैं, उन्हें इस खेल के बारे में कुछ नहीं पता है।

भारतीय कुश्ती महासंघ अध्यक्ष ने कहा कि सबसे बड़ा आरोप विनेश फोगाट ने लगाया है…क्या कोई सामने है जो कह सके कि फेडरेशन ने किसी एथलीट का उत्पीड़न किया हो।यौन उत्पीड़न की कोई घटना नहीं हुई है। अगर ऐसा हुआ है तो मैं फांसी लगा लूंगा। उन्होंने कहा कि जहां तक इन खिलाड़ियों का सवाल हैं ये ओलंपिक पदक विजेता हैं। उसमें हमारा भी सहयोग है। ओलंपिक के बाद इन्होंने एक भी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया और सब सरकार की स्कीमों का फायदा ले रहे हैं। भारतीय कुश्ती महासंघ अध्यक्ष ने आगे कहा कि जब राष्ट्रीय प्रतियोगिता की बात आती है तो इनकी तबीयत खराब हो जाती है। अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में इनकी तबीयत ठीक हो जाती है। अभी फेडरेशन ने निर्णय लिया कि कोई भी विजेता हो उसे नेशनल खेलना होगा, अगर वे बीमार है तो उसका मेडिकल दे। उन्होंने यहा भी कहा कि निर्णय से सरकार को अवगत करा दिया गया था। जो लोग नेशनल लड़ कर आ रहे हैं अगर हम उन्हें बाहर कर देंगे और जो नेशनल लड़ कर नहीं आ रहे हैं उन्हें कैंप में ले लेंगे तो दूसरों के साथ अन्याय होगा। ये पॉलिसी इन्हें पसंद नहीं आई।