सोनिया, पिंकी व सिमरन सहित आठ भारतीय मुक्केबाज क्वार्टर फाइनल में

नई दिल्ली। भारत की सोनिया, अनुभवी खिलाड़ी पिंकी जांगड़ा और पदार्पण कर रही सिमरनजीत कौर ने सोमवार को यहां जारी 10वीं आईबा विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपिनयशिप के क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है। इन तीनों से पहले एमसी मैरीकॉम, मनीषा मोन, लवलीना बोरगोहेन, भाग्यवती कचारी और सीमा पूनिया ने क्वार्टर फाइनल का टिकट कटा लिया है। अब तक भारत की कुल आठ मुक्केबाज इस चैंपियनशिप के अंतिम-आठ में पहुंच चुकी हैं।

स्वीटी बोरा हालांकि 75 किग्रा भार वर्ग में प्री-क्वार्टर फाइनल में ही हार कर बाहर हो गईं। उन्हें पोलैंड की एलजबिएटा वोज्सिक ने 5-0 से हराया। दोपहर में खेले गए मुकाबले में सोनिया ने बुल्गारिया की स्टानिमीरा पेट्रोवा को 3-2 से हराया। इस फैसले पर हालांकि बुल्गारिया के कोच ने सवाल उठाए, जिनका एक्रीडेशन आईबा ने रद्द कर दिया है।

पहले राउंड में सोनिया ने अपना समय लिया और बुल्गारिया की अनुभवी मुक्केबाज से तय दूरी बनाए रखी। दूसरे राउंड में पेट्रोवा ने अपनी आक्रामकता से भारतीय खिलाड़ी को बैकफुट पर धकेला। सोनिया ने तीसरे राउंड की आक्रामक शुरुआत की और आखिरी 30 सेकंड में और दमदार खेल दिखाया। जजों ने फैसला 28-29, 29-28, 28-29, 29-28, 28-29 से भारतीय खिलाड़ी के पक्ष में दिया। बुल्गारिया के कोच द्वारा असंतोष जताने पर सोनिया ने कहा कि कई बार हम सोचते हैं कि हमें अंक मिले गए, लेकिन जज हमसे ज्यादा जानते हैं।

51 किग्रा भार वर्ग में पिंकी ने यूरोपियन चैंपियन इंग्लैंड की इबोनी एलिसे जोंस को 5-0 से मात दी। पिंकी अगले दौर में उत्तर कोरिया की मि चोई पांग से भिड़ेंगी। वहीं 64 किग्रा भार वर्ग में सिमरनजीत कौर ने स्कॉटलैंड की मेगन रीड को 5-0 से मात दी। तीनों राउंड में भारतीय खिलाड़ी ने शानदार खेल दिखाया और ब्रिटिश सेना की मुक्केबाज को मात दी। अगले दौर में सिमरनजीत का सामना आयरलैंड की एमी सारा ब्रॉडर्हस्ट से होगा।

रेफरी के फैसलों पर भारतीय कोच ने उठाए सवाल

भारतीय मुक्केबाजी कोच शिव सिंह ने सोमवार को रेफरी के फैसलों पर आपत्ति जताई है। सरिता देवी और स्वीटी बोरा विश्व चैंपियनशिप से बाहर हो गई हैं। इन फैसलों पर ही सिंह ने सवाल उठाए हैं। सिंह ने कहा कि सरिता और स्वीटी दोनों ही विरोधी मुक्केबाज के पंचों की वजह से जमीन पर नहीं गिरी थीं, लेकिन रेफरी ने दोनों के विरुद्ध अंक दे दिए। कोच ने कहा कि सरिता विरोधी खिलाड़ी के पैर से अटकने की वजह से गिर गई थी, यह पंच के कारण नहीं था। वहीं, स्वीटी को धक्का देकर गिराया गया था। वह भी पंच की वजह से नहीं गिरी थी। स्वीटी के मामले में रेफरी यह नहीं देख पाए, फिर भी उन्होंने उनके खिलाफ अंक दे दिए। सरिता के मामले में रेफरी ने यह देख लिया था, फिर भी रेफरी ने विरोध में अंक दिए।