एकेश्वरवाद से ही समाज मे सद्भाव सम्भव

उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़…राजेश सिंह भदौरिया बंटी)प्राचीन ऋषियो की परम्परा एवं आर्य विचारधारा में एक ईश्वर को मानने से ही समाज मे सद्भाव सम्भव है। वैदिक धर्म, संस्कृति व आर्य हिन्दू जाति की रक्षा के लिये स्वामी श्रद्धानन्द जी ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
उक्त विचार सांसद प्रो. चिन्तामणी मालवीय ने श्रद्धानन्द बलिदान दिवस पर आर्य समाज मंदिर में व्यक्त किये। पूर्व प्रशासनिक अधिकारी केपी सेठिया ने कहा कि स्वामीजी निःस्वार्थ कार्य करने वाले महान धर्म एवं कर्म योद्धा थे। प्रारंभ मे अतिथियों का स्वागत स्मृति चिन्ह एवं पीत वस्त्र द्वारा प्रधान डॉ. मणीन्द्र व्यास व मंत्री संजय सोनी ने किया। स्वस्ति वाचन व स्वागत भाषण पं. राजेन्द्र व्यास ने दिया। इसके पूर्व धर्माचार्य पं. प्रतीक शास्त्री के ब्रह्मत्व में राष्ट्र रक्षा यज्य किया गया। आर्य प्रवक्ता सुखदेव व्यास, उप प्रधान जितेश बतरा, डॉ. बीएम सक्सेना, प्रो. जीवन प्रकाश आर्य, ओमप्रकाश जादोन, ओमदत्त आर्य, सुरेश पाटीदार एवं बडी संख्या मे वैदिक धर्मालुजन उपस्थित थे। शान्ति पाठ एवं वैदिक जयघोष के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।