नगर निगम के बंटवारे को लेकर आमने-सामने कांग्रेस नेता, मंत्री सज्जन वर्मा ने किया विरोध

इंदौर,(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के नगर निगमों को लेकर लिए जा रहे फैसलों पर अब जमकर राजनीति हो रही है. आलम यह है कि बीजेपी के विरोध के बाद अब इंदौर नगर निगम के बंटवारे की सुगबुगाहट के बीच कांग्रेस नेता खुद उसके खिलाफ आ गए हैं. राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश में भी सरकार बदलने के साथ नगर निगमों के लिए जा रहे फैसले पर सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी बीजेपी के बीच घमासान तेज होगया है .बीजेपी तो बकायदा इस मामले में कांग्रेस की शिकायत लेकर राज्य पाल लाल जी टंडन   के पास तक चली गई थी. बीजेपी का विरोध तो समझ में आता है क्योंकि वो विपक्ष में है, लेकिन भोपाल के बाद इंदौर नगर निगम के बंटवारे की बात जैसे ही कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने ट्वीट करके कही, उसका विरोध खुद कांग्रेस नेता ही करने लगे. दरअसल, मध्य प्रदेश से कांग्रेस के सांसद विवेक तन्खा ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र और कमलनाथ सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह को ट्वीट कर जबलपुर नगर निगम को दो हिस्से में बांटने की मांग की थी जिसके बाद जयवर्धन ने जबलपुर के साथ-साथ इंदौर नगर निगम को भी दो हिस्से में बांटने के सुझाव पर विचार करने की बात कही.            अब कमलनाथ सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने इसे तन्खा की निजी राय बताया और कहा कि इंदौर नगर निगम का बंटवारा नहीं होने दिया जाएगा.  सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि इंदौर को जो फंड मेट्रोपोलिटन शहर होने के चलते केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से दी जाती है उसे जारी रखने के लिए ये जरूरी है कि इंदौर नगर निगम का बंटवारा ना होने दिया जाए. बीजेपी के बड़े नेताओं का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राजभवन पहुंचा था और मेयर के अप्रत्यक्ष चुनाव समेत भोपाल नगर निगम के बंटवारे और इंदौर-जबलपुर नगर निगम के बंटवारे पर कांग्रेस नेताओं द्वारा की जा रही बयानबाजी के खिलाफ अपनी बात राज्यपाल के सामने रखी थी.

फैसला वापस नहीं होगा- मंत्री पीसी शर्मा

नगर निगमों और मेयर चुनाव पर मचे घमासान के बीच सरकार के मंत्री पीसी शर्मा ने स्पष्ट कर दिया है कि कमलनाथ सरकार अपने फैसले पर अडिग रहेगी और मेयर के अप्रत्यक्ष चुनाव हो या भोपाल नगर निगम का बंटवारा, इसे वापस नहीं लिया जाएगा.