दोनों की तलाशी लेने पर 17 लाख 50 हजार रुपये नकली नोट मिले। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो नकली नोट छापने की फैक्टी का भांडाफोड़ हुआ। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी हिमांश गोसर के कब्जे से 500 के नोट की 22 गड्डियां मिलीं। काउंट करने पर कुल 11 लाख रुपये निकले। आरोपी टीपेश चौहान के कब्जे से 500 के नोट की 13 गड्डियां मिलीं। काउंट करने पर यह कम 6 लाख 50 हजार रुपये निकली।
इस प्रकार दोनों से 17 लाख 50 हजार के नकली नोट जब्त किए गए। इन नोट में नकली सुरक्षा फीचर, धागे, माइको प्रिंट और ग्रीन इंक सिक्योरिटी पैटर्न मिले। आरोपियों ने बताया कि वे इंदौर में अरविन्दो अस्पताल के सामन श्री गंगा बिहार कालोनी के एक पलैट में अपने साथी राजेश के साथ मिलकर नकली नोटों की छपाई करते थे। आरोपी 10 लाख नकली नोट के बदले 1 लाख असली नोट लेते थे। आरोपी हिमांशु पहले भी इंदौर में नकली नोट मामले में जेल जा चुका है।
आरोपियों की निशानदेही पर इंदौर नोट प्रिंटिंग मशीन, हाई सिक्योरिटी पेपर, प्रिंटिंग केमिकल, सुरक्षा धागा, कटर मशीन और नकली नोट शीटें बरामद की गईं। नेटवर्क के संबंध में आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। आरोपी हिमांशु रेलवे कॉलोनी उज्जैन का रहने वाला है। उस पर पहले से आपराधिक मामले दर्ज हैं। आरोपियों के खिलाफ थाना चिमनगंज मंडी में केस दर्ज हुआ है।
नीमच में भी पुलिस ने भी एक गिरोह का पर्दाफाश किया है जो कलर प्रिंटर से बने 500 रुपये के नकली नोटों को पेट्रोल पंपों और छोटी दुकानों पर चला रहे थे। पुलिस ने सरजना गांव से आरोपी ईश्वर खारोल को 50 हजार रुपये के नकली नोटों के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। हालांकि, गिरोह का मास्टर माइंड सुनील बैरागी मौके से फरार हो गया है। उसकी तलाश में पुलिस की विशेष टीमें जुटी हुई हैं। नीमच पुलिस का कहना है कि वे पूरे नेटवर्क तक पहुंचना चाहती है।
