महिला थाना प्रभारी रश्मि भदौरिया की सूझबूझ, टूटते रिश्तों को जोड़ने का केंद्र बना

ग्वालियर।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) थाना तो शिकायतों के लिए होते हैं, लेकिन यहां तो समझदारी से घर बसाए जा रहे हैं.. यह कहना है एक ऐसे दंपती का, जो तलाक की कगार से लौटकर अब दोबारा साथ रहने का फैसला कर चुका है। और ये मुमकिन हुआ है महिला थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर रश्मि भदौरिया की सूझबूझ, परामर्श और धैर्य से।

सुबह से शाम तक थाने में रहकर करती हैं फरियादियों से सीधी बात

रश्मि भदौरिया की कार्यशैली थानों की आम छवि से बिलकुल अलग है। वे सुबह से शाम तक थाने में मौजूद रहती हैं और ग्वालियर जिले के कोने-कोने से आने वाले फरियादियों से खुद मिलती हैं, ध्यान से सुनती हैं और हर मामले में घर बसाने की सलाह देती हैं।

परामर्श का तरीका बेहद मानवीय

यहाँ न तो कड़ाई दिखती है, न औपचारिकता रश्मि भदौरिया हर महिला, पुरुष, परिवार को समय

थाना प्रभारी रश्मि भदौरिया की समझादारी और सलाह से जुड़ रहे कई बिखरे घर

थाने का नजरिया बदला फरियादी कह रहे हम घर बनाकर लौटे

ग्वालियर महिला थाना अब सिर्फ एक संस्थान नहीं, रिश्तों को जोड़ने की जगह बन चुका है। रश्मि भदौरिया जैसी अधिकारी यह साबित कर रही हैं कि पुलिस सिर्फ कानून का नहीं, समाज का भी चेहरा बदल सकती है।

देती हैं, बातों को गहराई से समझती हैं और फिर सुझाव देती हैं, जो न सिर्फ कानूनी होते हैं, बल्कि व्यावहारिक और रिश्तों को बचाने वाले भी होते हैं।

कई टूटते रिश्तों में फिर लौटी मुस्कान

बीते कुछ महीनों में ऐसे कई मामले आए जहां पति-पत्ती एक दूसरे से अलग हो चुके थे, लेकिन थाना प्रभारी की समझदारी भरी

काउंसलिंग ने दोनों को फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया। कई मामलों में पति-पत्नी फिर से साथ रहने लगे और बच्चों को उनका परिवार वापस मिल गया।

महिला थाना प्रभारी रश्मि भदोरिया

हर शिकायत को सीधे केस में तब्दील करना सही नहीं होता। पहले यह देखना जरूरी है कि रिश्ते को समझदारी से सहेजा जा सकता है या नहीं।