उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) सनातन धर्म की एकजुटता के लिए शंकराचार्यजी ने अखाड़ों की स्थापना की थी लेकिन समय परिवर्तन के साथ अखाड़ों में पदों की लोलुपता ओर धन की तृष्णा ने सनातन धर्म की एकजुटता को ध्वस्त कर दिया है। उज्जैन में महामण्डलेश्वर पद पर आसीन व्यक्ति के द्वारा अवैध दस्तावेजों के माध्यम से अवैध तरीके से धन कमाया गया जिस पर एफ आई आर दर्ज हुई हैं। जिससे महामंडलेश्वर पद लांछित हुआ हैं।
अखिल भारतीय पुजारी महासंघ राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी ने मध्य प्रदेश सरकार पत्र के माध्यम कहा कि सनातन धर्म के ठेकेदार बनने वाले लोग भगवा ओढ़कर लोगों से धोखाधड़ी 420 ओर अवैध कब्जे करते हुए लोगों से छल कपट करते हैं और दुनिया को त्याग, तपस्या, दान और सत्संग करने के प्रवचन करते हुए खुद को त्यागी और निर्मल बताते हैं।
पत्र में यह भी उल्लेख है कि अखाड़ा परिषद अध्यक्ष अब क्या करेंगे क्योंकि पूर्व में भी मंदाकिनी देवी भी पैसों के लेन देन में गिरफ्तार हो चुकी हैं ओर अब यह नया कांड उज्जैन में हुआ हैं जिसमें महामंडलेश्वर शांतिस्वरूपानंद नामक व्यक्ति पर धोखाधड़ी की एफ आई आर दर्ज हुई हैं। क्या यह अपना पद छोड़ेंगे या अखाड़ा परिषद अध्यक्ष इन पर कोई कार्यवाही करेंगे? दुख तो यह है कि मंदाकिनी देवी ओर शांतिस्वरूपानंद दोनों ही निरंजनी अखाड़े से हैं। पत्र में सरकार से यह मांग की गई हैं कि सरकार अपने विशेष अधिकारो का प्रयोग कर इस प्रकार के पद को प्रतिबंधित कर देना चाहिए और सरकार से मिलने वाली सभी सुख सुविधा आदि सब समाप्त कर देना चाहिए।
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