उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) इस लोक में हम दानशील बने, किसी के घर मांगने ना जाएं हमारा सभी प्रकार से मंगल हो और सभी अमंगल दूर कीजिए, इसी प्रार्थना के साथ श्रद्धालुओं ने पितरों को विदाई दी। श्राद्ध कर्म के पंच यज्ञों के समय श्रद्धालुओं ने गायत्री महामंत्र अनुष्ठान करने, अपनी व्यक्तिगत एक बुराई छोड़ने, (महात्मा गांधी जी की जयंती पर अखाद्य सेवन और व्यसन छोड़ने की बुराई पहले छोड़ने को कहा गया) गौ संवर्धन, स्वच्छता अभियान में भागीदारी, तथा समाज में सत्प्रवृत्तियों के पुण्य प्रसार के लिए अपने प्रभाव, ज्ञान, पुरुषार्थ धन एवं समय का एक अंश नियमित रूप से लगाते रहने का संकल्प लिया।
गायत्री शक्तिपीठ उज्जैन पर पांच पारियों में 400 से अधिक श्रद्धालुओं ने संस्कार में भागीदारी की। श्रद्धालुओं ने बताया कि हमें यहां पर श्राद्ध तर्पण करने के पुण्य लाभ के साथ समाज का एक अभिन्न अंग होने का दायित्व समझ में आया है। हमें प्रत्येक परोपकारी के प्रति सदा कृतज्ञ रहने के लिए प्रेरणा मिली है। दानशील बनने के लिए धन दान के अतिरिक्त प्रतिभा, योग्यता और समयदान भी किया जाना चाहिए यह हमें आज जानकारी मिली है। हम समाज, राष्ट्र को समुन्नत बनाने के लिए हम संकल्पित होकर जा रहे हैं।
नवरात्रि अनुष्ठान संकल्प
सांयकाल गायत्री शक्तिपीठ उज्जैन पर शारदीय नवरात्रि में गायत्री लघु अनुष्ठान के लिए साधकों को संकल्प दिलाया गया। कुछ साधकों ने शांतिकुंज हरिद्वार से ऑनलाइन माध्यम से अनुष्ठान संकल्प लिया। इसके तहत गायत्री शक्तिपीठ पर सुबह 5 से 7 तक जप 7 से 8ः30 बजे तक यज्ञ होगा। सुविधा अनुसार साधक अपने घरों पर भी मंत्र जाप करेंगे जिनकी सामूहिक पूर्णाहुति नवमीं को गायत्री शक्तिपीठ पर एक साथ संपन्न होगी।