इंदौर।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) मेट्रो प्रोजेक्ट में अभी अंडरग्राउंड रुट की गुत्थी सुलझी नहीं है। शासन के पास वैकल्पिक रुट से संबंधित प्रस्ताव और वर्तमान तय किए गए रुट की जानकारी भेज दी गई है। मुख्यमंत्री जो निर्णय लेंगे और अगर रुट परिवर्तित होता है तो उसकी मंजूरी दिल्ली से लेना पड़ेगी। दरअसल एमजी रोड की बजाय खजराना या बंगाली चौराहा से मेट्रो को अंडरग्राउंड करने की मांग की जा रही है, जबकि मेट्रो कॉर्पोरेशन ने एमजी रोड से एयरपोर्ट तक के अंडरग्राउंड रुट की टेंडर प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है। कल नवागत एमडी ने भी चल रहे प्रोजेक्ट का मौका-मुआयना किया। वहीं मेट्रो से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अंडरग्राउंड रुट का काम पहले गांधी नगर से एयरपोर्ट की ओर शुरू करवाया जाएगा, ताकि अभी पहले चरण में जो इंदौर मेट्रो का संचालन शुरू करना है वह एयरपोर्ट से रोबोट चौराहा तक हो सके।
पिछले दिनों गांधी नगर स्टेशन से एयरपोर्ट की ओर 250 मीटर के एलिवेटेड कॉरिडोर वाले हिस्से पर काम शुरू किया गया और उसके बाद का हिस्सा अंडरग्राउंड रहेगा। मगर अभी समस्या यह है कि अंडरग्राउंड रुट को तैयार करने वाली कोई एजेंसी ही तय नहीं हुई है, क्योंकि रुट को बदलने का मामला विचाराधीन है। अब यह प्रयास किया जा रहा है कि चूंकि एमजी रोड से एयरपोर्ट तक के अंडरग्राउंड रुट के सर्वे के साथ टेंडर की प्रक्रिया भी हो चुकी है, सिर्फ मंजूरी ही बची है। ऐसे में इस हिस्से के टेंडर को मंजूर कर दिया जाए, ताकि एयरपोर्ट वाला जो अंडरग्राउंड हिस्सा है उस पर पहले काम शुरू हो जाए। अभी प्रयास किए जा रहे हैं कि इसी साल के अंत या अगले साल में 17 किलोमीटर का जो एलिवेटेड कॉरिडोर गांधी नगर से रोबोट तक तैयार होगा उस पर मेट्रो का व्यवसायिक संचालन शुरू कर दिया जाए। मगर एयरपोर्ट से गांधी नगर नहीं जुड़ेगा तब तक इस हिस्से पर मेट्रो चलाने का अधिक फायदा नहीं मिलेगा, क्योंकि सबसे अधिक यात्री मेट्रो को एयरपोर्ट आने और जाने वाले ही मिलेंगे। लिहाजा यह भी विचार किया जा रहा है कि खजराना या बंगाली से अगर मेट्रो को अंडरग्राउंड किया जाता है तो वहां से लेकर एमजी रोड तक का नया टेंडर बुला लिया जाएगा। फिलहाल तो मेट्रो कॉर्पोरेशन ने अंडरग्राउंड रुट के वैकल्पिक रुटों सहित अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। वहीं कल नवागत एमडी एस. कृष्ण चैतन्य ने भी इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट का अवलोकन किया और उन्होंने एलिवेटेड के साथ-साथ अंडरग्राउंड रुट की जानकारी भी अधिकारियों से ली। प्रबंध संचालक ने गाँधी नगर डिपो पहुँचकर, वरिष्ठ अधिकारियों, जनरल कंसल्टेंट और कान्ट्रैक्टर के साथ मेट्रो ट्रेन परिचालन में डिपो की महत्ता को लेकर चर्चा की। उन्होने डिपो के इन्सपैक्शन बे लाइन, प्रशासनिक भवन , टेस्ट ट्रैक आदि का मुआइना किया । उन्होने मेट्रो ट्रेन परिचालन मे डिपो की निर्भरता पर प्रकाश डाला और अधिकारियों को डिपो में शेष बचे सिविल और सिस्टम वर्क को यथाशीघ्र पूरा करवाने के लिए निर्देशित किया। इसके साथ ही प्रबंध संचालक ने प्रस्तावित भूमिगत मेट्रो मार्ग का भी निरीक्षण किया। उन्होने मेट्रो प्रोजेक्ट के सभी अधिकारियों, जनरल कंसल्टेंट के प्रतिनिधियों एवं संवेदकों से अपना सर्वोत्तम योगदान देकर मेट्रो परियोजना को धरातल पर उतारने की अपील की जिससे जल्द से जल्द आमजन के लिए मेट्रो की सुविधा मुहैया करवाई जा सके। इंदौर प्रोजेक्ट के अपने प्रथम निरीक्षण पर प्रबंध संचालक ने अब तक हुए कार्य से संतोष जताया और जन आकांक्षाओं के अनुरूप सुरक्षित, निर्बाध और पर्यावरण अनुकूल मेट्रो के लिए प्रतिबद्धता दोहराई। प्रबंध संचालक के स्थल निरीक्षण तथा समीक्षा बैठक में वरिष्ठ अधिकारीगण शोभित टंडन, निदेशक (सिस्टम), अजय गुप्ता, निदेशक (प्रोजेक्ट्स), अजय कुमार महाप्रबंधक सिविल (भूमिगत) सहित अन्य मौजूद रहे।