कार्ड का डेटा लीक, आईसीआईसीआई बैंक ने 17000 क्रेडिट कार्ड किए ब्‍लॉक

नई दिल्‍ली.(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) देश के प्रमुख प्राइवेट बैंक में से एक आईसीआईसीआई ने 17000 नए कस्‍टमर्स के क्रेडिट कार्ड को ब्‍लॉक कर दिया है. बैंक ने कहा कि इन कस्‍टमर्स के लिए नए क्रेडिट कार्ड जारी किए जा रहे हैं. तत्‍काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए हजारों नए कस्‍टमर्स का क्रेडिट कार्ड ब्‍लॉक किया गया है. ब्‍लॉक किए गए कार्ड की संख्‍या बैंक के क्रेडिट कार्ड पोर्टफोलियो का लगभग 0.1% है.

बैंक ने क्रेडिट कार्ड को ब्‍लॉक करने के पीछे वजह बताते हुए कहा कि कथित तौर पर इन कार्ड का डेटा लीक हुआ और “गलत यूजर्स” तक पहुंचा है. आईसीआईसीआई बैंक के एक प्रवक्ता ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में जारी किए गए लगभग 17,000 क्रेडिट कार्ड “गलती से हमारे डिजिटल चैनलों में गलत यूजर्स के लिए मैप हो गए थे”.

आईमोबाइल पे ऐप पर हुई बड़ी चूक
यह चौंकाने वाला खुलासा तब सामने आया जब आईसीआईसीआई बैंक के संबंधित ग्राहकों ने सोशल मीडिया पर बैंक के आईमोबाइल पे ऐप की सुरक्षा के बारे में अपनी आशंकाएं व्यक्त कीं. यूजर्स ने बताया कि कार्ड नंबर और कार्ड CVV समेत किसी दूसरे के क्रेडिट कार्ड की जानकारी ऐप के भीतर दिखाई दे रही थीं. इतना ही नहीं इन कार्ड की डिटेल तक पहुंचना आसान था. साथ ही किसी अन्‍य व्‍यक्ति के पेमेंट ऐप पर भी पहुंचा जा सकता था और ओटीपी होने के बावजूद पेमेंट की संभावना थी.

बैंक ने माना हुई गलती
लोगों की शिकायत करने के बाद बैंक ने इसे तुरंत ब्‍लॉक कर दिया. इस उल्लंघन ने ग्राहक डेटा की सुरक्षा के लिए आईसीआईसीआई बैंक द्वारा लागू किए गए सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में महत्वपूर्ण चिंताएं पैदा कर दीं. आईसीआईसीआई बैंक के प्रवक्ता ने इस घटना को स्वीकार करते हुए कहा कि हाल के दिनों में जारी किए गए लगभग 17,000 नए क्रेडिट कार्ड गलती से बैंक के डिजिटल चैनलों के भीतर गलत उपयोगकर्ताओं से जुड़ गए थे.

बैंक देगा मुआवजा
बैंक के प्रवक्ता ने ग्राहकों को आश्वासन दिया कि अब तक दुरुपयोग का कोई मामला सामने नहीं आया है. इसके अतिरिक्त, बैंक ने प्रभावित ग्राहकों को हुए किसी भी वित्तीय नुकसान के लिए उचित मुआवजा दिया जाएगा. टेक्नोफिनो पर एक यूजर्स ने उल्लंघन की गंभीरता को और स्‍पष्‍ट किया और कहा कि वह आई मोबाइल पे ऐप के माध्‍यम से अन्‍य व्‍यक्ति के अमेजन पे क्रेडिट कार्ड डिटेल तक पहुंच पा रहे थे. उन्‍होंने कहा कि ओटीपी के बावजूद इंटरनेशनल ट्रांजेक्‍शन भी हो सकता था