नई दिल्ली,(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम समाज को अयोध्या में मिली 5 एकड़ जमीन को लेकर गणतंत्र दिवस के मौके पर मस्जिद की नींव रखी जाने के साथ ही सियासत तेज हो गई है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या में बनने वाली मस्जिद के लिए चंद देना और वहां पर नमाज पढ़ना हराम बताया है. ओवैसी के इस बयान पर मस्जिद के लिए बने ट्रस्ट इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन ने अपनी नाराजगी जाहिर की है तो मुस्लिम उलेमाओं ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी मुफ्ती बनने की कोशिश न करें. वो राजनीति और संविधान के जानकार हो सकते हैं, पर इस्लामी शरियत के जानकार नहीं हैं. ऐसे में शरियत के मामले में ज्यादा दखलअंदाजी न करें. कर्नाटक के बीदर इलाके में ‘सेव कॉन्स्टिट्यूशन सेव इंडिया के कार्यक्रम’ को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है. ओवैसी ने आगे कहा कि मुनाफिको की जमात जो बाबरी मस्जिद के बदले पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद बनवा रहे हैं, वो मस्जिद नहीं बल्कि ‘मस्जिद-ए-जीरार’ है. इसीलिए उसे मस्जिद नहीं कहा जा सकता है. ऐसे में अयोध्या में बनने वाली इस मस्जिद ले लिए चंदा (डोनेशन) देना और वहा पर नमाज पढ़ना हराम है. अगर चंदा ही देना है तो बीदर में किसी अनाथ को चंदा दे दें.
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