राजमाता माधवी राजे का शाही सम्मान से हुआ अंतिम संस्कार, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दी मुखाग्नि

ग्वालियर: (स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) मध्यप्रदेश के ग्वालियर की महारानी राजमाता स्व. माधवी राजे सिंधिया  पंचतत्व में विलीन हो गई हैं. उन्हें उनके बेटे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुखाग्नि दी. 16 मई की शाम सिंधिया की छतरी पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय सहित राज परिवार के लोग मौजूद थे. सिंधिया की छतरी पर आने से पहले राजमाता माधवी राजे की रानी महल से अंतिम यात्रा निकाली गई. इस अंतिम यात्रा में उनके दर्शन के लिए हुजूम उमड़ पडा.

स्व. माधवी राजे का पार्थिव शरीर दोपहर को अंतिम दर्शन के लिए ग्वालियर के रानी महल में रखा गया था. दोपहर 3.30 बजे महल से उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई. उसके बाद यह अंतिम यात्रा सिंधिया छतरी पर पहुंची. यहां सिंधिया राजवंश के पुरोहितों ने परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार की तैयारी की. उसके बाद निर्धारित समय पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें मुखाग्नि दी. बता दें, माधवी राजे सिंधिया का 15 मई की सुबह निधन हो गया था. वे पिछले तीन महीने से दिल्ली एम्स में भर्ती थीं. वे कुछ समय से वेंटिलेटर पर थीं. उनका यहां सेप्सिस के साथ निमोनिया का इलाज चल रहा था.

राजमाता माधवी राजे के निधन पर मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि राजमाता हमको बच्चों की तरह स्नेह देती थीं. कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट बोले कि राजमाता का जाना हम सबके लिए बड़ी क्षति है. मंत्री विजय शाह ने कहा कि राजमाता का एहसान हम कभी नहीं चुका पाएंगे. पूर्व मंत्री इमरती देवी भावुक हो गईं. उन्होंने कहा कि राजमाता का जाना हमारे लिए पारिवारिक क्षति है.

गौरतलब है कि, माधवी राजे सिंधिया नेपाल के शाही परिवार की थीं. उनके दादा जुद्ध शमशेर जंग बहादुर नेपाल के प्रधानमंत्री रहे हैं. उन्हें प्रिसेंस किरण राज्य लक्ष्मी देवी के नाम से भी जाना जाता था. उनकी शादी साल 1966 में ग्वालियर के महाराजा यानी स्वर्गीय पिता माधवराव सिंधिया से हुई थी.