कोरोना केस – सिर्फ 13 दिन में देश 1 लाख का आंकड़ा पार

नई दिल्ली,(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) भारत में पिछले एक महीने से लगभग हर बीस क्लिनिकल टेस्ट में से एक टेस्ट का ​नतीजा पॉजिटिव आ रहा है. कोरोना वायरस केसों की संख्या और टे​स्ट करने की गति समान रूप से बढ़ रही है. लेकिन सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्यों में टेस्ट संख्या की तुलना में पॉजिटिव रेट अब भी बहुत ज्यादा है.भारत में कोरोना केस की संख्या 50,000 तक पहुंचने में 97 दिनों का समय लगा था. लेकिन सोमवार को एक लाख का आंकड़ा पार हो गया और इसमें सिर्फ 13 दिन लगे. यानी अगले 50,000 केस मात्र 13 दिन में सामने आए. देश में टेस्टिंग संख्या में भी इसी तरह की वृद्धि देखी गई है. डाटा वेबसाइट Ourworldindata के मुताबिक, 6 मई को भारत ने लगभग 12 लाख सैंपल्स का टे​स्ट करने के बाद 50 हजार के आंकड़े को छुआ था. इसके बाद 18 मई तक 23 लाख से अधिक परीक्षण किए गए. पिछले दो हफ्तों में भारतीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने हर दिन औसतन 85 हजार टेस्ट किए हैं. ज्यादा टेस्ट के कारण इसी अवधि में लगभग चार हजार केस रोजाना सामने आए हैं.जानलेवा कोरोना वायरस सभी राज्यों में समान रूप से नहीं फैल रहा है. इंडिया टुडे की डाटा इंटेलीजेंस यूनिट (DIU) के विश्लेषण से पता चलता है कि महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, चंडीगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल टेस्ट संख्या में से पॉजिटिव केस ज्यादा निकल रहे हैं, जिसे टेस्ट पॉजिटिव रेट (TPR) के रूप में जाना जाता है. यह 4 फीसदी के राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है. इन कुछ राज्यों में टेस्ट अपेक्षाकृत कम और पॉजिटिविटी रेट ज्यादा है.इसके विपरीत, केरल और आंध्र प्रदेश जैसे कुछ राज्य में टेस्ट संख्या ज्यादा है लेकिन पॉजिटिव केस की संख्या कम है. महाराष्ट्र में स्थिति ज्यादा गंभीर है. वहां हर 10 मिलियन आबादी पर 598 केस हैं. महाराष्ट्र का टीपीआर 12 फीसदी है जो कि राष्ट्रीय औसत से तीन गुना ज्यादा है. देश की राजधानी दिल्ली में प्रति 10 मिलियन जनसंख्या पर 1155 लोग संक्रमित हैं और इसका टीपीआर 7 फीसदी है जो कि सबसे खराब है.राज्य-वार टेस्टिंग के आंकड़ों से पता चलता है कि कोरोना वायरस की तीव्रता महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, चंडीगढ़ और मध्य प्रदेश में सबसे अधिक है. अधिकांश राज्यों में टेस्टिंग के आंकड़ों की रिपोर्टिंग में विसंगतियां हैं और इस तरह की विसंगतियों से बचने के लिए हमने रोजाना केस की संख्या जानने के लिए तीन दिनों का मूविंग एवरेज लिया है.

(फाइल फोटो)