उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) राष्ट्रकवि श्रद्धेय श्रीकृष्ण सरल ने अपने व्यय से देश के अमर शहीदों पर इतना विषद् और विस्तृत लेखन किया है कि उन्हें पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया ही जाना चाहिए। उक्त बात विक्रमादित्य विश्वविद्यालय के कार्य परिषद सदस्य, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय महामन्त्री डॉ. राजेशसिंह कुशवाह ने संस्था सरल काव्यांजलि द्वारा आयोजित सरल प्रसंग में अपने उद्बोधन में कहे। जानकारी देते हुए संस्था की डॉ. वंदना गुप्ता ने बताया कि कार्यक्रम अध्यक्ष कालिदास अकादमी के निदेशक डॉ. गोविंद गन्धे ने कहा कि सरल जी के कार्यक्रम के लिए कालिदास अकादमी का परिसर हमेशा उपलब्ध रहेगा। सरलजी की 10 कविताओं की एक पुस्तक तैयार कर छात्रों में वितरित की जाए। सरल जी को लोग पढ़ेंगे तभी उन्हें समझेंगे।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉक्टर स्वामीनाथ पांडेय ने कहा कि सरल जी ने कठिन कार्य को अंजाम दिया। सरल जी की कम से कम एक पुस्तक सबको अवश्य पढ़ना चाहिए। ख्यात राजनीतिज्ञ अटल जी ने कहा था कि लोग राजनीतिज्ञों को भूल जायेंगे पर सरल जी को जरूर याद रखेंगे।
विशेष अतिथि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. नितेश भार्गव ने कहा कि वर्तमान में साहित्यकारों का दायित्व समाज के प्रति बहुत अधिक है। सरल जी इस कार्य के पुरोधा रहे हैं। ख्यात व्यंग्यकार डॉक्टर हरीशकुमार सिंह (विशेष अतिथि) ने कहा कि सरल जी जीवित शहीद थे। अटल जी ने कहा था सरल जी राष्ट्रकवि है।
समाजसेवी प्रकाश चित्तौड़ा ने अपने उद्बोधन में सरल जी के संस्मरण सुनाए। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में मैंने शहर में शहीदों की सात प्रतिमाएं लगवाई।
इस अवसर पर विशिष्ट सेवा कार्य के लिए श्री प्रकाश चित्तौड़ा तथा संस्था के वरिष्ठ सदस्य मुक्तेश मनावत का शॉल तथा स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया गया। उनका परिचय डॉक्टर नेत्रा रावणकर ने पढ़ा।
प्रारम्भ में सरस्वती वंदना आशीष श्रीवास्तव अश्क ने प्रस्तुत की। स्वागत भाषण सन्तोष सुपेकर ने दिया। उन्होंने अतिथियों से उज्जैन के शिक्षा महाविद्यालय (जहाँ सरल जी पढ़ाते थे) का नाम श्रीकृष्ण सरल शिक्षा महाविद्यालय करने की मांग भी की। सरल जी की कविताओं का पाठ राजेन्द्र देवधरे दर्पण, श्रीमती माया बधेका और मानसिंह शरद ने किया। संचालन नितिन पोळ ने किया। इस माह के जन्म दिवस वाले सदस्यों श्रीमती माया बधेका, डॉक्टर संजय नागर, गिरिजादेवी ठाकुर, कमलेश कुशवाह का स्वागत रामचन्द्र धर्मदासानी, श्रीमती आशागंगा शिरढ़ोणकर ने किया।
अतिथि स्वागत संस्था अध्यक्ष डॉक्टर संजय नागर, डॉ. पुष्पा चौरसिया, प्रदीप सरल, हर्ष सैनी, अमित जैन, सुमन नागर, डॉ. रफीक नागौरी, तरुण उपाध्याय और महेन्द्र सिंह भदौरिया ने किया तथा अंत में आभार गोपालकृष्ण निगम ने व्यक्त किया।
