उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) सोशल मीडिया पर हिंदू देवी देवताओं के लगातार अपमान के विरोध में सनातन हिंदू एकता पदयात्रा के समर्थन में उज्जैन के टावर चौक पर महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया। सनातन यात्रा पर रोक के प्रयास से श्रद्धा, आस्था आहत करने वाले असामाजिक तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग साधु संत, सर्व श्री सनातन धर्म संगठन एवं सभी समाज के प्रतिनिधियों ने की। हिन्दू समाज ने एक स्वर में आवाज उठाते हुए कहा, धार्मिक स्वतंत्रता पर चोट बर्दाश्त नहीं, ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त से सख्त कारवाई की जाए।
संगठन अध्यक्ष मनोज रावत के अनुसार देशभर में सनातन आस्था के प्रतीक पर्वों और परंपराओं के अपमान की घटनाएँ लगातार सामने आ रही हैं। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा 7 से 16 नवंबर तक घोषित “सनातन हिन्दू पदयात्रा” को कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर कुछ व्यक्तियों, जिनमें दामोदर यादव नामक व्यक्ति सहित कुछ समूह शामिल बताए जा रहे हैं, ने इस यात्रा को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियाँ कीं, जिससे हिन्दू समाज में तीव्र रोष फैल गया है। श्रद्धालुओं और धर्मावलंबियों का कहना है कि यह केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की अस्मिता और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक आंदोलन है, जिसे रोकना धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा आघात है। इस संबंध में विभिन्न हिन्दू संगठनों, सामाजिक संस्थाओं और धर्माचार्यों ने एक स्वर में राष्ट्रपति से निवेदन किया है कि देश में शांति और सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वाले इन असामाजिक तत्वों पर कठोरतम कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि देश का संविधान प्रत्येक नागरिक को अपने धर्म का पालन और प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है। ऐसे में किसी भी धार्मिक यात्रा या आयोजन को रोकने का प्रयास न केवल असंवैधानिक है, बल्कि भारत की सनातन आत्मा पर प्रहार है।
इस अवसर पर महंत श्री नीलेशानंद पुरी महाराज, संगठन अध्यक्ष मनोज रावत, एडवोकेट लखन उपाध्याय, राजकुमार झांझोट, कैलाश चौरसिया, ईश्वर यादव, गोपाल व्यास, मोनू ठाकुर, ऋतिक सोनगरा, बलदेव कुशवाह, रवि चौधरी, राजेश व्यास, मनोज शर्मा, विजय जोशी, अभिषेक जोशी, गौरव शर्मा, राहुल शुक्ला, रतनदीप मिश्रा, मातृ शक्तियों में वंदना जैन, वर्षा कछवाय, सपना सक्सेना, रिंकू गुरु, रतनदीप मिश्रा, कैलाश चौरसिया सहित बड़ी संख्या में हिंदू संगठन के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
श्रद्धालुओं ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान करने वालों पर तत्काल मुकदमे दर्ज किए जाएँ और ऐसे तत्वों की पहचान कर देशविरोधी गतिविधियों के अंतर्गत सख्त दंड दिया जाए।
समाज के प्रबुद्धजनों का मत है कि भारत की मूल आत्मा “वसुधैव कुटुम्बकम” और “सर्व धर्म समभाव” में निहित है, परंतु अगर कोई संगठन या व्यक्ति इन भावनाओं को ठेस पहुँचाकर धार्मिक वैमनस्य फैलाने का काम करे, तो शासन-प्रशासन का यह नैतिक दायित्व है कि वह तत्काल हस्तक्षेप करे।
हिन्दू समाज ने स्पष्ट कहा है कि “धर्म पर आघात बर्दाश्त नहीं। सनातन संस्कृति की रक्षा ही भारत की आत्मा की रक्षा है।” उज्जैन और आसपास के जिलों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु इस पदयात्रा में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से भी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक वर्गों ने एक स्वर में अपील की है कि शांति, सद्भाव और सनातन परंपरा की गरिमा बनाए रखने में सभी पक्ष जिम्मेदारी दिखाएँ। 7 अप्रैल की यात्रा को सफल बनाने के लिए सर्व श्री सनातन धर्म संस्कार जनकल्याण समिति, संगठन के पदाधिकारियों ने सभी सनातनी परिवारों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में पधार कर यात्रा को सफल बनाने का आह्वान किया।
