उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज द्वारा रावण दहन के विरोध में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के कार्यालय जाकर प्रदेश में रावण दहन बंद करने के संबंध में ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन प्राप्त करने के लिए डिप्टी कलेक्टर राजेश बोरासी उपस्थित थे। पत्र का वाचन युवा ब्राह्मण समाज संस्थापक अध्यक्ष महेश पुजारी ने किया। ज्ञापन की छायाप्रति प्रधानमंत्री और मोहन भागवत संघ प्रमुख को भी भेजी गई हैं। ज्ञापन में उल्लेख किया है कि देश और प्रदेश में रावण दहन किया किया जाता हैं जो अनुचित हैं, वह शास्त्र सम्मत, विधि सम्मत ना होकर इसे राजनीति और मनोरंजन का आधार बना दिया गया है जो ब्राह्मण समुदाय एवं ब्राह्मणों के अस्तित्व पर बार-बार चोट पहुंचाता है। देश ओर प्रदेश मे ऐसे कई अपराधी और अत्याचारी और भ्रष्टाचारी है जिन्होने अधर्म की सीमा पार की है। देश में निर्भया कांड जैसे कई अपराध और अत्याचार महिलाओं पर किए गए और किए जा रहे हैं तो इन अत्याचारियों, अपराधियों के पुतले क्यो नही जलाये जाते है?
रावण ज्ञानी था इसलिए राम ने रावण के आचार्यत्व मे रामेश्वरम् की स्थापना की और रामजी को विजय होने का आर्शीवाद दिया, जबकि वह जानता था कि इन्ही से मेरा युद्ध होना है फिर भी अपना ब्राह्मण धर्म निभाया। क्षत्रिय धर्म में महिला पर शस्त्र नहीं उठाया जाता लेकिन श्रीलक्ष्मणजी द्वारा शूर्पणखा के नाक कान द्वारा काट दिये गये। क्या यह क्षत्रिय धर्म में आता है? रामायण में एक और उल्लेख आता है जिसमें एक धोबी ने माता सीता के चरित्र पर आरोप लगाकर उन्हें पुनः वनवास करा दिया क्या यह न्याय संगत है? श्रीलक्ष्मणजी, धोबी की भी गलती थी तो इनके पुतले दहन करना समाज कैसे भूल गया केवल माता सीता के हरण को ही लेकर समाज अधर्म मानकर रावण दहन करता है या इस आड़ में ब्राह्मण समुदाय का अपमान करने की साजिश तो नहीं?
मुख्यमंत्रीजी युवा ब्राहमण समाज दो बातो पर समाज और सरकार से न्याय चाहता है यदि यह दोनो पात्र श्री लक्ष्मणजी और धोबी गुनाहगार नही है तो रावण केवल सीता हरण करने का गुनाहगार कैसे?
प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और सनातनीयो का मार्गदर्शन करने वाले मोहन भागवतजी से अखिल भारतीय युवा ब्राहमण समाज अनुरोधपूर्वक जानना चाहता है कि यदि उपरोक्त बातों के साथ रावण दहन शास्त्र सम्मत है या नही यह बताने का कष्ट करे यदि लक्ष्मणजी और धोबी शास्त्र सम्मत सही हो तो रावण दहन हो और शास्त्र सम्मत ना हो तो कृपया देश और प्रदेश में रावण दहन बन्द करने के आदेश प्रसारित करने की कृपा करे। इस अवसर पर मुख्य रूप से सुरेश शर्मा, राकेश जोशी (राका गुरु), रूपेश मेहता, राम शर्मा, किशन पांडे, आशीष ठक्कर मुख्य रूप से उपस्थित थे।
