रानीपुरा दौलतगंज में दो माह पहले खतरनाक मकान ढह गया था, जिसमें दो लोगों की मौत के बाद निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि वे पूरे क्षेत्र में ऐसे खतरनाक मकानों को चिह्नित कर ढहाने की कार्रवाई करें, ताकि ऐसे हादसे फिर न हो सकें। इसी के चलते नगर निगम के अधिकारियों ने 5 मकान चिह्नित किए थे। इनमें तीन को तोडऩे की कार्रवाई की गई। रिमूवल अमले के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल क्षेत्र में पहुंचा और खतरनाक मकानों को तोडऩे की कार्रवाई शुरू कर दी गई। हालांकि वहां रहने वाले कई परिवारों ने पहले ही अपना सामान शिफ्ट कर लिया था। अधिकारियों के मुताबिक पांच में से तीन लोगों के मकान तोड़े गए, जबकि दो को 26 नवंबर तक कोर्ट से स्टे मिल चुका है, इसलिए उन पर कार्रवाई नहीं की गई। तोड़े गए मकान 5 हजार से लेकर 2 हजार वर्गफीट पर दो से तीन मंजिला बने हुए थे और उनके काफी हिस्से जर्जर थे। अधिकारियों के मुताबिक क्षेत्र के कुछ और ऐसे अन्य खतरनाक मकान भी थे, जहां मकान मालिकों को सुधार कार्य के लिए चेतावनी दी गई थी तो उन्होंने मकानों में सुधार कार्य करा लिए, जिसके चलते उन्हें खतरनाक सूची से हटा दिया गया। आज कार्रवाई के दौरान भवन अधिकारी गीतेश तिवारी, भवन निरीक्षक जीशान, सहायक रिमूवल अधिकारी बबलू कल्याणे और अन्य अधिकारी मौजूद थे।
उक्त क्षेत्र में प्राधिकरण की बिल्डिंग भी जर्जर
पिछले दिनों नगर निगम ने पटेल ब्रिज के समीप बनी प्राधिकरण की वर्षों पुरानी बिल्डिंग को भी नोटिस थमाए थे, हिबल्डिंग के हिस्से आए दिन वहां गिरते रहते हैं। नीचे कई व्यापारियों की दुकानें हैं, जिनके यहां मलबा गिरने से कुछ लोगों को चोटें भी आ चुकी हैं। अधिकारियों का कहना है कि प्राधिकरण के अफसरों ने वहां सुधार कार्य की बात कही है, लेकिन पूरी बिल्डिंग ही जगह-जगह से जर्जर हो रही है। कभी आईडीए का दफ्तर वर्षों पहले इसी बिल्डिंग में संचालित होता था।
