क्या बोलीं ममता?
ममता कुलकर्णी ने कहा, ‘मैं श्रीयामाई ममता नंदगिरि। दो दिन पहले मेरे पट्टा गुरु लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर कुछ लोगों ने गलत आक्षेप लगाए थे। इस चीज से दुखी होकर मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उन्होंने मेरा इस्तीफा नामंजूर कर दिया है और जो गुरु भेंट मैंने आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को दी थी, वो एक महामंडलेश्वर बनने के बाद जो छत्र, छड़ी और चंवर होते हैं, उसके लिए थी। जो थोड़ी गुरु भेंट बची, वो भंडारे के लिए समर्पित कर दी गई। मैंने उनकी कृतज्ञ हूं, उन्होंने मुझे वापस इस पद पर बैठाया। आगे चलकर मैं अपना जीवन किन्नर अखाड़ा और सनातन धर्म के लिए समर्पित करूंगी।’
25 साल पहले लिया था संन्यास
ममता कुलकर्णी ने 25 साल पहले संन्यास लिया था। साल 2013 में उन्होंने अपनी किताब ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए योगिनी’ रिलीज की थी। इस दौरान, उन्होंने फिल्मी दुनिया को अलविदा कहने की वजह बताते हुए कहा था, ‘कुछ लोग दुनिया के कामों के लिए पैदा होते है, वहीं कुछ ईश्वर के लिए पैदा होते हैं। मैं ईश्वर के लिए पैदा हुई हूं।’
