फिलहाल मेट्रो का संचालन छह किलोमीटर हिस्से में हो रहा है, लेकिन मेट्रो कार्पोरेशन को इससे आय नहीं हो रही है, क्योंकि एक बार के फेरे में दस से पंद्रह यात्री ही सफर कर रहे हैं। इस कारण अब मेट्रो ट्रेन के संचालन में फेरबदल भी किया गया है। चार माह पहले जब इंदौर में मेट्रो का संचालन शुरू हुआ था तो अधिकतम 25 हजार तक एक दिन में यात्रियों ने सफर किया था, लेकिन अब यात्रियों की संख्या 50 से 100 तक सिमट गई है। इस कारण मेट्रो के संचालन की लागत भी नहीं निकल पा रही है, जबकि मेट्रो के संचालन और स्टेशन पर 300 से ज्यादा कर्मचारियों का स्टाॅफ रखा गया है।
दरअसल शहरवासी मेट्रो को देखने के लिए उसमें सफर कर रहे थे। अभी जिस हिस्से में मेट्रो का संचालन हो रहा है वहां न तो बसाहट है और न ही कोई औद्योगिक क्षेत्र। इस कारण वहां मेट्रो को वास्तविक यात्री नहीं मिल रहे है। अभी भी लोग जरुरत के बजाए शौकिया तौर पर मेट्रो के सफर का आनंद लेने जा रहे हैं।
इंदौर मेट्रो एयरपोर्ट, दो बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन को कवर करेगी। शहर के मध्य हिस्से के ट्रैफिक को कम करने में मददगार साबित होगी। हर 30 मिनट के अंतर से मेट्रो ट्रेन चलेगी। शहर में कुल 28 स्टेशनों से ट्रेन गुजरेगी। फिलहाल दस जगह स्टेशनों का काम चल रहा है। मेट्रो ट्रेन का संचालन फिलहाल छह किलोमीटर हिस्से में हो रहा है। यहां मेट्रो का किराया अधिकतम 30 रुपये है। 20 से ज्यादा मेट्रो ट्रेन का संचालन होगा। एक ट्रेन में साढ़े चार सौ यात्री संवार हो सकेंगे। बैठने के अलावा खड़े रहकर सफर करने में भी आसानी होगी। ट्रेन के भीतर लगे पोल में चार ग्रिप दी गई हैं जिसे यात्री पकड़ कर सफर कर सकते है। मेट्रो ट्रेन बाहरी और आतंरिक रुप से सीसीटीवी कैमरों से लैस होगी।
