कार्तिक-अगहन माह की अंतिम राजसी सवारी धूम -धाम से निकली,मनमहेश जी के स्वरुप में भक्तजनों ने दर्शन  किये 

उज्जैन, 17,नवम्बर 2025।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) कार्तिक–मार्गशीर्ष (अगहन) माह की चतुर्थ एवं अंतिम (राजसी) सवारी में भगवान श्री महाकालेश्वर जी अपनी प्रजा का हाल जानने हेतु नगर भ्रमण पर निकले। यह राजसी सवारी सोमवार, 17 नवम्बर 2025 को सायं 4:00 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर से भगवान श्री मनमहेश जी की रजत पालकी में भव्य रूप से प्रस्थान किया । श्रावण–भादौ की भाँति कार्तिक–अगहन माह में भी यह सवारी राजसी स्वरूप में निकाली गई, जिसमें रजत पालकी से भगवान श्री मनमहेश जी के दर्शन भक्तजन ने किये ।

सवारी प्रस्थान से पूर्व मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री मनमहेश जी का विधिवत पूजन-अर्चन संपन्न हुआ। चल समारोह व्यवस्था चल समारोह की शुरुआत मंदिर के प्रचार वाहन से हुई, जिसके पश्चात यातायात पुलिस, तोपची दस्ते, श्री महाकालेश्वर जी का रजत ध्वज, श्री महाकालेश्वर बैण्ड, घुड़सवार दस्ते तथा विशेष सशस्त्र बल सलामी गार्ड के रूप में सम्मिलित रहें। शहनाई द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल एवं श्री महाकालेश्वर बैण्ड द्वारा पालकी में विराजित भगवान श्री मनमहेश जी को भव्य गार्ड ऑफ़ ऑनर प्रदान किया। यह राजसी सवारी महाकाल रोड, कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी, हरसिद्धीपाल से होते हुए रामघाट पहुँची। रामघाट पर माँ क्षिप्रा तट पर भगवान श्री मनमहेश जी का पूजन-अर्चन एवं आरती विधिवत संपन्न हुई।

इसके उपरांत सवारी गंधर्व घाट, गणगौर दरवाजा, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज का श्री जगदीश मंदिर, श्री सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, मिर्जा नईम बेग, तेलीवाड़ा चौराहा, कंठाल, सतीगेट, सराफा, छत्री चौक होते हुए श्री गोपाल मंदिर ,पटनी बाजार, गुदरी चौराहा, महाकाल चौराहा होते हुए पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में पहुँची, जहाँ इस राजसी सवारी का समापन हुआ।

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