उज्जैन:(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) चामुंडा माता चौराहे से फ्रीगंज जाने के लिए वर्तमान पुल के समानांतर पुल निर्माण का कार्य चल रहा है जहां ब्रिज के नीचे माधव नगर रेलवे कॉलोनी के पास लगभग 100 साल से भी पुराने दो जुड़वा कपोक के वृक्ष है जो की बहुत ही कम पाए जाते हैं इन वृक्षों को काटने से बचाने के लिए महापौर टटवाल द्वारा बुधवार को उद्यान विभाग के प्रभारी शिवेंद्र तिवारी, प्रभारी अधिकारी मनोज राजवानी एवं सेतु निगम के अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया गया एवं कहा कि ब्रिज निर्माण में यदि डिजाइन में आंशिक परिवर्तन किया जा सके तो इस पर विचार किया जाए ताकि इन दो जुड़वा वृक्षों को बचाया जा सके क्योंकि इन वृक्षों को री ट्रांसप्लांट नहीं किया जा सकता है इसलिए आवश्यक हो तो ही इन वृक्षों को काटा जाए।
यह वृक्ष मालवा में दुर्लभ प्रजाति के है और दक्षिण भारत में बहुतायत पाया जाता है जिसका मोटा तना और 100 फुट की लंबाई होती है, सबसे ऊंचाई पर जाकर इसकी शाखाएं निकलती हैं जो इसे छ तरी जैसा रूप देती है, इसके फूल बहुत रंग-बिरंगे आते हैं और फल के रेशों से रूई बनाई जाती है जिनका उपयोग लाइफ जैकेट और बिस्तर के गद्दे बनाने में होता है, फ्रीगंज रेलवे कॉलोनी में यह दोनों वृक्ष एक साथ जुड़वा भाइयों की तरह हैं जो 100 फुट से भी ऊंचे हैं, दोनों का तना पृथक पृथक 6 फीट की गोलाई लिए हुए है।
