उज्जैन।(स्वदेश mp न्यूज़… राजेश सिंह भदौरिया बंटी) हमारे धर्म शास्त्रों में मंदिर के गर्भगृह की बड़ी महिमा है जिसमें शास्त्रीय व्यवहार और पूजन दर्शन का महत्व है। शास्त्रों में मंदिर के पुजारी को भगवान का पार्षद बताया गया हैं जिससे आशीर्वाद की कामना की जाती हैं जिनका सम्मान सभी करते हैं, इसके विपरीत आचरण धर्म शास्त्र के विरुद्ध ओर निंदनीय हैं।
विद्वत परिषद के प्रमुख आशीष अग्निहोत्री ने कहा कि विद्वत परिषद को ज्ञात हुआ कि एक तथाकथित संत महावीरनाथ द्वारा महाकाल मंदिर के नियमों को तोड़ते हुए गर्भगृह में अवैध तरीके से घुसकर अमर्यादित आचरण, गाली गलौज, धक्का मुक्की और दुर्व्यवहार, मंदिर के वरिष्ठ पुजारी के साथ किया गया। जिसका विद्वत परिषद कड़े शब्दों में निंदा करती हैं, जहां गर्भगृह में मंत्रों की गूंज होना चाहिए थी वहां गालियों ओर अपशब्दों से गर्भगृह की पवित्रता को भंग किया गया।
हमारे धर्म शास्त्रों में संतो को निर्मल मन और शांत स्वभाव का बताया हैं और जिनका मन निर्मल ओर शांत नहीं सकता वो संत नहीं हो सकते। महावीरनाथ द्वारा जो दुर्व्यवहार किया गया वह संत की श्रेणी में नहीं आता और यह किसी भी पद महामंडलेश्वर या आचार्य नहीं है जिसे महाकाल गर्भगृह में प्रवेश दिया जा रहा हैं इसकी जांच होनी चाहिए।
श्रीमहाकाल विद्वत परिषद, महाकाल मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष और प्रशासक से मांग करती हैं कि ऐसे तथाकथित आतंकी संत पर प्रतिबंध लगाकर नियमानुसार कार्यवाही की जावे।
